मेरा न कोई मठ है, न आश्रम। मैं न सेवा जमा करता हूँ, ना ही भीड़ इकट्ठा करना चाहता हूँ। फिर मेरा होना क्या है और क्यों है? ज़रूर सोचना। जब तुम साधन-भजन में बैठोगे और अंतर में उतरोगे, तभी मुझे जान भी पाओगे और पहचान भी सकोगे।
-सदगुरुश्री
- Jaigurudev 🙏🙏
- Jai Gurudev Naam Prabhu Ka Prabhu Ka Prabhu Ka
- जय सदगुरुश्री भगवान।
आपको लाखों प्रणाम।
🙏🏻🌸 - जयगुरुदेव सद्गुरुश्री के चरणों मे कोटि कोटि प्रणाम
- जय सदगुरुश्री परमात्मा।
कोटि कोटि प्रणाम।
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